घर में आकर- वासुदेव छंद गीत
अपनों से जब, नैन मिले।
घर में आकर, चैन मिले।।
दौड़ लगाकर, थक जाते।
दुनिया की सुन, झल्लाते।।
आकर आँगन, रैन मिले।
घर में आकर, चैन मिले।।०१।।
धन का संचय, करते हैं।
धन का भय मन, भरते हैं।।
जिससे हर सुख, सैन मिले।
घर में आकर, चैन मिले।।०२।।
घर में जो पल, सुख सारा।
मिलता सम्बल, है प्यारा।।
लगता है तब, जैन मिले।
घर में आकर, चैन मिले।।०३।।
गीतकार:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
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