मां भगवती! शक्ति का सागर,
तेरे चरणों में है जग सारा।
भक्त तेरे गुण गाते हरदम,
तू है सबकी नैया का किनारा।
रक्तचरण और श्वेत वसन में,
सिंह पर विराजी वीर भवानी।
तेरी कृपा से मिटे अंधेरा,
तेरी दया से बने कहानी।
जग की जननी, संकट हरणी,
तेरी महिमा कौन बताए?
तेरे नाम से दुख भागें सब,
तेरे बिना कौन बचाए?
जय-जयकार गूंजे नभ में,
शंख बजे, घंटे झनकारें।
तेरे चरणों में शीश झुकाकर,
भक्त नमन बारंबार करें।
राहुल कुमार रंजन
मध्य विद्यालय ओरलाहा, बड़हरा कोठी, पूर्णिया
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