कल हमको तुम ना पाओगे बताओ कैसे हमें भुलाओगे ? कैसे उलझनों को सुलझाओगे? किसपे झुंझलाहटों को बरपाओगे? कल हमको तुम ना पाओगे संग किसके तुम मुस्कुराओगे ? किस्से कहानिया…
इंसान बनके दिखलाओ -अवनीश कुमार
हुए स्वार्थी और लोभी आज के मानव समझ नही ये बन बैठे है दानव काम ,क्रोध,मोह ,लोभ के पाश में नित बंधते ये मानव क्षणिक स्वार्थ के पूरन में भी…
चुनाव – जय कृष्णा पासवान
गली मोहल्ले में आज इतना शोर-गूल क्यों है। जो लोगों को कभी समझा ही नहीं।। उनमें आज विकास की होड़ क्यों है। लगता है कहीं चुनाव तो नहीं है।।२ आज…
तितली प्यारी- नवाब मंजूर
आ री आ री तितली प्यारी सुंदर मनहर तितली न्यारी रंग बिरंगे पंखों वाली उड़े चाल मतवाली इस डाल से उस डाल पर अथक दौड़ लगाने वाली रंग फूलों का,…
मनहरण घनाक्षरी -जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
प्राण संग दुनिया से कर्म धर्म साथ जाते, केवल मानव तन जलता है आग़ में। दीप संग तेल जले परवाना गले मिले, वर्तिका में छिपी होती रोशनी चिराग में। अज्ञानी…
मैं एक अंतर्मुखी – अदिती भुषण
हांं, हूं मैं एक अंतर्मुखी, रहती, हूं मैं स्वयं में सिमटी, कभी हूं मैं कविता मन के तरानों की, कभी हूं मैं आशा हौसलों के उड़ानों की, तो कभी हूं…
मां – नवाब मंजूर
जिसके साए तले बढ़ते हैं राजा और रंक या फिर हो कोई मलंग जन्म से लेकर जवानी तक उसी के इर्द-गिर्द घूमते हैं? एक शागिर्द की तरह। हर खुशी हर…
ऐ इंसान तुम इंसानियत क्यों भूलते हो -नीतू रानी
ऐ इंसान तुम इंसानियत क्यों भूलते हो कभी भी मेरी खोज नही करते तुम न हीं कभी कोई खैरियत पूछते हो। जब टूटा था दुःख का पहाड़ तुम पर तब…
दिल के आंसू -जय कृष्णा पासवान
दुनिया के हर सितम, मुझपे छलकती है । मगरूर है ज़माना देखो, क्या मजाक उड़ाती है।। “तपता है दिल मेरा” अरमान कुचल जाते हैं। रूखी- सूखी रोटी से, अपना दम…
माँ की वेदना – अवनीश कुमार ‘अवि’
है कलयुग ,पाप चारो ओर छा रहा रावण ,कंस, दुःशासन पग पग डोरे डाल रहा धरती की रूह ,है काँप रही कैसे बची रहेगी धरती , धरती माँ भाँप रही…