कचरा प्रबंधन -मधु

कचरे को इधर-उधर ना फेको भाई, इसमें है सारे जग की भलाई। कूड़ा को कूड़ेदान में डालो, चारों ओर न गंदगी फैलाओ। दो कूड़ेदान देख हम सभी हैरान, दो रंगों…

पार्थ- एस.के.पूनम

हे आचार्य तुम ही पार्थ हो” हे पार्थ!तेरा कर्मभूमि विद्यालय है, हे आचार्य!रणभूमि भी शिक्षालय है, लेखनी और किताबें तेरा अस्त्रशस्त्र है, तो फिर तुम्हें किस बात का भय है।…

प्रभाती पुष्प- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

मनहरण घनाक्षरी ****** लाखों मनुहार करें, कितना भी प्यार करें, पिंजरे में बंद पक्षी खुश नहीं दिखता । समय प्रभात रहे, दिन याकि रात रहे, हमें जाग जाने पर चोर…