पथ के राही चले बेफिक्र मंजिले दूर हो रास्ते कठिन हो पथरीली डगर हो काँटे बिछे हो चलना है बस चलते जाना रुकना नहीं है मेरा काम मै हूँ पथ…
डूबते को सहारा- विनय विश्वा
डूबते को सहारा ये सिखाती है पानी की धारा कभी पतवार बन कभी सवार बन। उगते को सब सलाम करते हैं आज डूबते को भी पूजा गया इस आशा के…
लोकआस्था- रूचिका
लोकआस्था और भक्ति भाव लेकर ह्रदय में, विश्वास और समर्पण लेकर हर मन में, ऊँच नीच,अमीर गरीब का भेद भुलाकर, जाति-पाँति को छोड़ सब संग चल पड़े साधना का अर्घ्य…
आस्था का पर्व छठ- अशोक कुमार
बिहार से उद्भव होकर, पूरे राष्ट्र में मनाया गया, आस्था का पर्व छठ है, राष्ट्र ही नहीं पूरे विश्व में छा गया|| घाटो की होती सफाई, इसमें है सबसे अच्छाई|…
सूर्य उपासना- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
युगों से इंतजार था, जिसे सारी दुनिया को, बिहार ने दिया छठ- पर्व की सौगात है। दिन रात निराहार- रह अरदास करें, व्रतियों को वर देते- रवि अवदात हैं। आपसी…
शुभ दीपावली- अदिती भूषण
धन धान्य हो अब के बरस हो जीवन में लक्ष्मी की बौछार, आया शुभ दीपावली त्योहार खुशियों से भरा हो घर संसार. है धनवंतरि को नमन हमारा अपनाए सब स्वस्थ…
लेखन मेरे लिये वरदान- कंचन प्रभा
मैं अभिशाप थी इस धरती पर जैसे कोई शाप थी इस धरती पर, भीड़ भरी दुनिया में मैं गुमनाम बन गई थी । आज लेखन मेरे लिए वरदान बन गई…
छठ पूजा – नीतू रानी” निवेदिता”
द्वार पर आए सूर्य देवता है उनको नमस्कार, छठी मैया के घाट पर लगी है छठव्रती की कतार। छठीवर्ती कर जोड़कर पानी में है खड़ी, सूर्य देवता को अर्घ देने…
रोज निवारण पर्व- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
छंद :- मनहरण घनाक्षरी ****** चार दिवसीय पर्व, ख़ुशी ख़ुशी बीत गया, आज पावन पर्व का, हो गया पारण है। जाति-धर्म, ऊंच-नीच,भेद भाव छोड़ने का, मन में संकल्प हम, करते…
सरदार किसान- विनय विश्वा
किसान हमारे भगवान जो रिरियाये गाए एक कंठ आवाज लगाए बहरी सत्ता ना सुन पाए। खाए उनकी दाल-रोटी उनके सपनों को करके बोटी-बोटी। एक “सरदार” की आन पड़ी है उस…