सबसे पहले चित्रगुप्त का मतलब- चित्र-का मतलब तस्वीर यानि फोटो गुप्त-गुप्त का मतलब अंदर की बात बाहर प्रकट न हो यानि गुप्त बात। आज है चित्रगुप्त महाराज जी का पर्व…
भाईदूज गीत -नीतू रानी” निवेदिता”
हे ननदों आय छीयै भाई दूज त्योहार हे आबै हेथिन भैया हमार हे ना। निपलौं गोबर सेअ अंगना घर अरबाज चौर पीसी बनेलौं ऐरपन, हे ननदो ताहि पर देलौं सिन्दूरक…
मेरा शहर दरभंगा – कंचन प्रभा
ये शहर था जो कभी ख्वाबों का विशाल महलों के नवाबो का कैसी आज ये घनघोर घटा है धरा पर उतरी काली छटा है आज ये पुुुरा पानी पानी क्यों…
अ से होता अनार- अशोक कुमार
अ से होता अनार, इसका बड़ा उपकार| इसके सेवन से होता, सभी रोगों का विकार|| आ से होता आम, इसका बड़ा है काम| फलों का है राजा, बच्चों को आता…
हमें बताएं- मीरा सिंह “मीरा”
घर का कचरा फेंक सड़क पर चले कहां भैया इतरा कर? क्या सोचा है कभी आप ने होगा कितना जीना दुष्कर ? हुआ जहां कल धूम धड़ाका आज वहीं पर…
जीवन धारा – मनोज कुमार
वृक्षों की पत्ती जब धरा पर गिरती है, जीवन की धारा को यूँ कहां छोड़ती है। सूर्य की प्रभा से चमकती-दमकती है, बन ठन कर मानों वह इठलाती है। वायु…
दीपावली – एम के शशि
दीपों की जगमग से, आशियाना खिल गया। उसको भी जैसे , मुस्कुराने का सवब मिल गया। त्यौहार आया,जगमगाते हैं दीप हर घर में, खुशियों के द्वार खुले,रौनक हर घर में।…
दिवाली की सौगात – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
आओ मिलकर दीप जलाएं दिवाली की रात में, दिल का अंधेरा दूर है होता प्रेम की सौगात में। दिन रात एक कर घरों को सजाते हैं, परिजन मिलकर रंगोली बनाते…
काल-खण्ड – एस.के.पूनम
संसार में समय एक सा रहता नहीं है सदा, आज जहाँ उत्सव- काल है कल वहाँ शोकाकुल होगा, आज जहाँ सद्भावनाओं का कीर्ति स्तम्भ है, कल वहाँ अपयशों का बाजार…
रिश्ते – धीरज कुमार
हर किसी से सीधा रिश्ता किसी का जुड़ा है नही। हर किसी के लिए सीधे जुड़ कर रिश्ते बनाते हैं नहीं । कुछ रिश्ते कब ,कैसे और कहां बनेंगे ये…