हमारी राजभाषा है हिंदी, भारत की गौरवगाथा है हिंदी। जन -जन की भाषा है हिंदी, भारत की आशा है हिंदी। हिन्द देश की आन है हिंदी, मान, सम्मान, अभिमान…
हिंदी का मान बढ़ाएँगे- विवेक कुमार
जो भाषा माँ से सीखी जाती, जग में सबका मान बढ़ाती, एकता का प्रतीक बन जाती, उसकी गाथा जन-जन को बतलाएँगे, उस हिंदी का मान बढ़ाएँगे। हिंदी की बिंदी जिसके…
हिंदी – अवनीश कुमार
भारतवासियों के भावों की अभिव्यक्ति हिंदी। जन- जन, गण- गण, मन-मन में पुष्पित पल्लवित हिंदी।। सुजलाम सुफलाम् मलयजशीतलाम्, शस्यश्यामलाम् मातरम् हिंदी। अलंकारों में कंगन सी खन-खन खनकती हमारी हिंदी।।…
हिंदी की बिंदी – प्रियंका कुमारी
अक्षर से अक्षर सजाऊँगी मैं, हिंदी की बिंदी लगाऊँगी मैं। हिंदी की महत्ता बताऊँगी मैं , हिंदी की बिंदी लगाऊँगी मैं। तत्सम तद्भव की माला बनाऊँगी मैं, हिंदी की…
हिन्दी – रत्ना प्रिया
हिन्दी को नित्य पढ़ने की, पढ़ाने की अभिलाषा है, गर्व है हम भारतीयों को, यह भारत की भाषा है। उड़ें गगन में दूर तलक, पर जमीं हमेशा याद रहे,…
हिंदी दिवस – अमरनाथ त्रिवेदी
हिंदी दिवस मनाएँ ऐसे, जिसमें भाव प्रवणता हो। दिल ही नहीं दिमागों में भी , कार्य करने की क्षमता हो।। हिंदी हमारी मातृभाषा है, इसको सदा सशक्त करें। यही तो…
हिंदी राष्ट्रभाषा- रूचिका
हिंदी मेरी जुबान हिंदी मेरी पहचान, कभी भावनाओं के ज्वार थामे, कभी जज्बातों को दे पहचान। हिंदी मेरी जुबान। कल्पनाओं के जो महल बनाई, दर्द की तीव्रता जब…
मैं नारी हूँ- प्रियंका कुमारी
अबला नहीं, मैं नारी हूँ। करुणामयी , कल्याणी हूँ।। लज्जा सदैव सिरमौर रहा, अंतस में है कुछ खौल रहा , मैं दबी राख, चिंगारी हूँ। अबला नहीं, मैं नारी…
मंगलकर्त्ता गणेश – रत्ना प्रिया
हे गजानन, विघ्नविनाशक, आप हैं मंगलकर्त्ता। हे विनायक, शुभ बुद्धिदायक, कष्ट हरो दु:खहर्त्ता।। आए हैं प्रभु, शरण तिहारी, जीवन मंगल कर दो, दुर्बुद्धि, छल का भाव, मिटा दो, मन में…
किसने रोका है – गिरीन्द्र मोहन झा
अंधेरा घोर घना है, एक बत्ती जलाने से किसने रोका है? प्रदूषण है यदि बहुत अधिक, एक पेड़ लगाने से किसने रोका है? निराशा है चारों ओर, उर में उत्साह…