जगत मां तू सुन ले मुझे भी तो चुन ले, शरण तेरे आई खड़ी हूं यूं कब से। तू सबसे हो न्यारी, तू लगती है प्यारी शरण तेरे आई, नमस्ते…
विनती सुनो हमार – मनु रमण “चेतना”
जय -जय अम्बे,जय जगदम्बे, सुन लो अरज हमार। सकल जगत की तू हो माता , विनती सुनो हमार। तू हो माता ब्रह्म स्वरूपा, अविगत,अलख, अनादि अनूपा। सत्य सनातन तू हो…
माता की आराधना – जैनेन्द्र प्रसाद रवि
प्रभाती पुष्प 🌹🙏🌹🙏🌹🙏 माता की आराधना आश्विन पावन मास, मंगल दिवस खास, भक्त जन करते हैं माता की आराधना। शरण में जो भी आते, मन चाहा वर पाते, मन में…
दुर्गार्चना – एस.के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-रुप घनाक्षरी विषय:-दुर्गार्चना/नवरात्रि विराजीं हैं घर-घर, प्रफुल्लित तन-मन, थाल सजी दीप जले,अब आरती उतार। मिष्ठान का भोग लगे, वितरण प्रसाद का, अनुगत समर्पण,श्रद्धालुओं की कतार। लोभ मोह त्याग…
गुरु को नमन – जैनेन्द्र प्रसाद रवि
कीर्तन भजन करें, गुरु को नमन करें, दिवस की शुरुआत करें ईस्ट ध्यान से। नित्य दिन सैर करें- सूर्योदय से पहले, तन मन शुद्ध करें, गंगा जल स्नान से। भूख…
मेरी मैया -नीतू रानी
मत कर अभी ब्याह री मेरी मैया, अभी न हुई ब्याह की लायक री मेरी मैया। मुझे अभी स्कूल पढ़ने जाना है मुझे भी पढ़ना है भाई-बहनों को पढ़ाना है…
मनहरण घनाक्षरी – एस.के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-मनहरण घनाक्षरी बिखरे गुलाब पुष्प, आईं सिंहवासिनी माँ, पथ को बुहारते ही,आप सदा रहिए। सोलह श्रृंगार कर, बैठी हैं आसन पर, चरण वंदना कर,आशीर्वाद लीजिए। फल-फूल कंदमूल, पुष्प…
मांँ भगवती – नीतू रानी
विषय -नवरात्र शीर्षक -मांँ भगवती माँ हाथी चढ़ी नवरात्र में एली जेती मुर्गा चढ़ी भगवती। माँ हंँसती खल -खल दाँत झल-झल रुप सुंदर भगवती, माँ हाथी चढ़ी नवरात्र में एली…
किसान हुआ लाचार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
प्रभाती पुष्प किसान हुआ लाचार रूप घनाक्षरी छंद फसलों की उपज का मिलता नहीं है भाव, एक किनारे में खड़ी, डूब रही अब नाव। केवल खेती के बल चले नहीं…
जी का जंजाल – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
रूप घनाक्षरी छंद कार्य करने से पूर्व फल पे विचार करें, बिना सोचे करने से, जी का बनता जंजाल। स्थाई होता सुख नहीं भोग और विलास में, जगत की चकाचौंध,…