सुवासित आत्मिक चेतना-दिलीप कुमार गुप्त

सुवासित आत्मिक चेतना  हे शतरूपा, निरंजना किस विधि करूँ वंदना दृष्टि कूप तिमिर विपन्न तू विश्वा सदज्ञान सम्पन्न चतुर्दिक तम घना बसेरा तुम बिन कहो, कौन सहारा अन्तस दारुण दर्द…

जय माँ सरस्वती-कुमकुम कुमारी

जय माँ सरस्वती जय-जय-जय माँ सरस्वती हे सकल विश्व भव तारिणी तेरे शरण मैं आई माता जय माँ कष्ठ निवारिणी। शुभ्रवस्त्रा धारिणी माता जय माँ हंस सवारिनी जय-जय-जय पद्मासना देवी…

प्रेम से जीना सीखें-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

प्रेम से जीना सीखें सदा प्रेम से जीना सीखें प्रेम ही जीवन सार है। अगर प्रेम से नहीं रहोगे जीवन तभी बेकार है।।  नहीं कभी बिकता है जानो यही तो…

अंगड़ाई-धर्मेन्द्र कुमार ठाकुर

अंगड़ाई दो हजार बीस ने हमें बहुत सताया बाजार, विद्यालय, परिवहन, और प्रतिष्ठान सबके सब बंद करवाया घर में छुट्टी खूब बिताया। अब बहुत हुआ छुट्टी-छुट्टी का खेल, आओ लौट…

समावेशी शिक्षा-अवनीश कुमार

समावेशी शिक्षा समावेशी शिक्षा की संकल्पना दिव्यांगजन अधिकार कानून है अपना समावेशी शिक्षा की है अवधारणा सरल, सरस, समरस शिक्षा प्राप्त हो अपना समानता, मधुरता का पाठ पढ़ाता नई दृष्टि…

गाँव की मिट्टी-अनुज वर्मा

गाँव की मिट्टी आज भी जीवंत है गाँव,  उसकी मिट्टी और छाँव।  कच्ची थी पगडंडी, नहीं थी कोई मंडी।  पेड़ों पर झुलना, गिरकर फिर संभलना।  नानी दादी की कहानी, खूब…