मनहरण घनाक्षरी ****** जगमग दीप जले, चाँद सा भवन खिले, घर-घर लगी आज हैं बल्बों की लड़ियां। उमंग में जग सारा, देख आसमान तारा, खुशी से बच्चों के मन छूटे…
दीप जले – अशोक कुमार
दीप जले दीप जले, घर आंगन दीप जले| चारों तरफ खुशियां है छाई, दीपों का त्योहार आई|| वीर सपूतों के याद मे, घर-घर दीप जलाएं| स्कूल हो या घर हो,…
चलो एक दीप जलाएं – विवेक कुमार
चलो आज करें शुरुआत, निराशाओं को देकर मात, मन के मैल को हटाएं, तम को मन से दूर भगाएं, जीवन में रौशनी फैलाएं, चलो एक दीप जलाएं।। दे बेसहारे को…
आओ मन का अंधकार मिटाए – संजय कुमार
आओ मन का अंधकार मिटाए, प्रेम भाव का एक दीप जलाएं। कद्र करें सबकी भावनाओं का, वैर और आपसी रंजिश मिटाए। आओ मन का अंधकार मिटाए, प्रेम भाव का एक…
ऐसी दीपावली मनाई – मीरा सिंह “मीरा”
अपने मन को अवध बनाई सियाराम को हिय बसाई। रोशन घर का कोना कोना ऐसी दीपावली मनाई।। घर आंगन की हुई-सफाई दीवारों की रंग पुताई। मन में मैल नहीं रह…
लावणी छंद – सुधीर कुमार
मात्रा — ३० यति – १६,१४ —————– मन के अंदर दीप जला लो , आओ आज दिवाली में । खुशियों से मन को महका लो , आओ आज दिवाली में…
दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य
आत्म ज्योति ज्ञानाज्य से, करें दीप्तिमय आज। लेकर नव संकल्प से, रखिए सुखी समाज।। भाव हमेशा उच्च रख, करिए प्रभु से प्यार। अमित तोष आनंद की, खुशियाँ मिले अपार।। अवलि…
बौनी उड़ान – कंचन प्रभा
ये उड़ान अभी बौनी है मुझे ऊपर बहुत ही जाना है। ये थकान अभी थोड़ी है मुझे अन्त समय तक निभाना है। आसमान को छूने की तमन्ना नही दिल में…
मामा – शेखर कुमार सुमन
मामा देखो मेरे मामा आए, साथ अपने आम लाए | लीची भी वो लाते है, रसगुल्ले खूब खिलाते है | जब मम्मी गुस्साती है, मुझे मारने आती है | पापा…
जगमग जोत जले – मनु कुमारी
जगमग जोत जले। सत्य का दीप ,प्रेम का बाती, हर घट जोत जले। ईर्ष्या द्वेश का भाव ना आए, मैत्री भाव पले। असत्य जगत का मोह दूर हो, सत्य की…