अन्नदाता-सुरेश कुमार गौरव

अन्नदाता जब तक कि मिट्टी से सने नहीं, अन्नदाता के पूरे पांव-हाथ! सदा खेतों में देते रहते ये, बिना थके-रुके, दिन-रात साथ!! हल, बैल, कुदाल, रहट, बोझा, पईन, पुंज और…

चन्दा मामा-भवानंद सिंह

चन्दा मामा नील गगन में एक चन्द्रमा निशा की तिमिर मिटाता है, धरा पर फैले उसकी चाँदनी शीतलता पहुँचाता है । बच्चे मामा कहते उसको खिलौने लेकर आओ ना, दूध-भात…

चिड़िया-ब्यूटी कुमारी

चिड़िया चीं चीं करती आती चिड़िया पेड़ की डाली सजाती चिड़िया। फुदक फुदक कर इस डाली से उस डाली पर जाती चिड़िया। मुर्गा बांग लगाता है सबको सुबह जगाता है।…

किसान-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’,

किसान खेती, बेटी एक समान होती है कृषक की जान, चर,अचर जीवों का पालक अन्नदाता है किसान। धूप-छांव हो या कि वर्षा कभी नहीं करता विश्राम, दिन-रात वह करता काम,…

रहमत के बंदे रहीम-विवेक कुमार

रहमत के बंदे रहीम आसमां से आया फरिश्ता, प्यार का सबक सिखलाने, सरजमीं पर रहमत बरसाने, चारों तरफ समभाव जताने, कलम और तलवार था जिनका, आसानी से एक ही कमान,…

चीरहरण-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’,

चीरहरण द्रोपदी सभा में चीख रही लाज बचाए कौन? सभासद स्तब्ध सभी हैं नजर झुकाए मौन।। भीम, अर्जुन, धर्मराज बैठे हैं चुपचाप। वीरों की इस सभा को सूंघ गया है…

सूरज-ब्यूटी कुमारी

सूरज पूरब दिशा में उगता सूरज सूर्योदय का दृश्य मनोरम। करते हैं हम सूर्य नमन सूरज की किरणें आती अंधकार को दूर भगाती। सूरज के हैं नाम अनेक सूर्य रवि…

अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’,

अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि देश का मान बढ़ाया तूने अनेकों सैनिक से। तिरंगे ने सिर छुपा लिया है तेरे अंतिम बलिदान से।। तेरे रन कौशल से डरकर दुश्मन शीश झुकाता था, तेरी…