चंदा मामा-अशोक कुमार

चंदा मामा चंदा मामा चंदा मामा, हम सब के प्यारे मामा। काली रात डरावनी लगती, रात में उजाला कर देते।। चंदा मामा रोज नहीं आते, कहां तुम चले जाते। अंधेरी…

राष्ट्रनेता-अश्मजा प्रियदर्शिनी

राष्ट्रनेता रक्त से लिखी गई गाथा जिनकी, बल-बलिदान अहिंसा बने आदर्श। राष्ट्र के प्रति सहज विश्वास के प्रतीक उस श्रद्धा समर्पित राष्ट्रनेता को, वन्दन है बारंबार। जिनके पाथेय, आदर्श सुना…

मित्रता-अपराजिता कुमारी

  मित्रता दो अक्षर का यह शब्द ‘मित्र आत्मीयता, घनिष्ठता, मित्रता से अपरिचित भी हो जाते परिचित मित्रता में सहयोग, सद्भावना संवेदनशीलता, प्रेम विश्वास हो मित्र को मित्र के अपने…

अमृतपान करे संसार-मधु कुमारी

अमृतपान करे संसार  शरद पूर्णिमा की शीतल किरणें चमक रही है हर कण-कण में शीतल चांदनी शुभ संदेश लिए फैली अवनि, अम्बर, आँगन में। प्रफुल्लित हुई मतवाली धरा झूम रही…

बैलगाड़ी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

बैलगाड़ी कच्ची सड़क की सबसे प्यारी, बैलगाड़ी है सबसे सुंदर सवारी। उबड़-खाबड़ रास्तों पर भी, शान से चलती बनाकर धारी।। आवागमन का था एकमात्र सहारा, राजा हो या कोई रंक…

हमारी संस्कृति की पहचान गंगा-बीनू मिश्रा

हमारी संस्कृति की पहचान गंगा मैं हूँ गंगा, भारतीय संस्कृति की पहचान कैसे व्यक्त करूं मैं अपनी व्यथा खो रही हूं मैं अपना रंग रूप प्राकृतिक छटा का दिव्य स्वरूप…