रिश्तों का मेला सबसे सुंदर, सबसे मनहर, होता यह रिश्तों का मेला, मिलजुल कर सब हँसते-गाते, प्यार बाँटते जश्न मनाते, कोई न रहता यहाँ अकेला। रिश्तों का यह अनुपम मेला……
स्वामी विवेकानंद थे सदी के महानायक-एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
स्वामी विवेकानंद थे सदी के महानायक विवेकानंद थे सदी के महानायक जिन्होंने बनाया खुद को लायक जिसने अर्जित की है उपलब्धियां बन भारतीय संस्कृति के सहायक। स्वामी थे योद्धा और…
गुदड़ी के लाल-सुरेश कुमार गौरव
गुदड़ी के लाल दो अक्टूबर को जन्मे थे एक गुदड़ी के लाल नाम का पहला अक्षर भी उनका है लाल बचपन में नदी तैर कर जाते थे वे पढ़ने संध्याकाल…
एक शिक्षकीय विद्यालय का एक शिक्षक-सैयद जाबिर हुसैन
एक शिक्षकीय विद्यालय का एक शिक्षक एक से तीन, तीन से पांच, पांच से वर्ग एक। इसी में उलझता-सुलझता रहता है।। एक शिक्षकीय विद्यालय का एक शिक्षक। व्यथा न कहना…
राष्ट्रकवि दिनकर-ब्यूटी कुमारी
राष्ट्रकवि दिनकर युगधर्म के हुंकार थे, बेगूसराय, बिहार के कर्णधार थे। 23 सितंबर 1908 को सिमरिया में जन्म हुआ जहां बहती है गंगा की पावन जलधारा, रामधारी सिंह दिनकर उनका…
बापू-अनुभव राज
बापू हमारी शान हैं बापू देश का मान हैं बापू सत्य अहिंसा के नायक निर्भीकता के वे गायक शोषित जन की थे आवाज़ भारत माँ के सर का ताज गोरों…
शांति जिसके भाल वो बहादुर लाल- विवेक कुमार
शांति जिसके भाल वो बहादुर लाल गांधी के संग जन्म ले थामा था जिसने कमान, मातृभूमि को पराधीनता की जंजीरों से करने आया जो मुक्त महान। शांति जिनके भाल वो…
उद्बोध-गिरिधर कुमार
स्वप्निल सा कुछ, टूटता, सँवरता… जिद से, कभी अपने ही मूल्यों से, अतृप्त, बेपरवाह, अकिंचन, अद्भुत… मनोरोग कोई या जिजीविषा का कोई रूप… कोई कविता या अपना ही कुछ लेखा…
सब में प्रभु का रूप समाया-दिलीप कुमार गुप्त
सब में प्रभु का रूप समाया झिलमिल तारों का श्याम व्योम अवनि के वक्ष पर अवतरित हिम ओम अथाह सिंधु की गहन गर्जना प्रकृति की मनभावन रूप संरचना सुगंधित पुष्प…
आईना-प्रमोद कुमार
आईना तब तो तू बहुत खुश था, सुन्दर रूप अपनाया था। तेरे अरमानों के माफिक मैंने तुझको सजाया था।। मस्ती की झलक आंखों में, रग में गजब रवानी थी। बशा…