धमाचौकड़ी बच्चों के मन को हरसाई, चीं-चीं करती चिड़ियां आई। देख नजारा चिड़ियों का, चिंटू ने आवाज लगाई। सुन लो बहना सुन लो भाई , चीं-चीं करती चिड़ियां आई। शोर-शराबा…
ये बेटियाँ- मधु कुमारी
ये बेटियाँ बेटियाँ उन्मुक्त नदियों की लहरों-सी मदमस्त हवा के ठण्डे झोंकों-सी चहकती, दमकती, मदमस्त छबिली-सी छन-छन के सुरीली गीतों-सी रिश्तों के नाजुक डोर-सी परम्परा निभाती फ़रिश्ते-सी एक मजबूत किंतु…
नई शिक्षा नीति-अशोक कुमार
नई शिक्षा नीति नई शिक्षा नीति आई, 21वी सदी में नई रोशनी लाइ। राष्ट्र शिक्षा नीति 1986 में अपनाई, अंतिम बार से 1992 में संशोधित कराई। नई शिक्षा नीति आई,…
सुरक्षित शनिवार-अशोक कुमार
सुरक्षित शनिवार आओ बच्चे मनाए सुरक्षित शनिवार, चेतना सत्र में प्रत्येक शनिवार को जाने, प्राकृतिक आपदाओं से बचने का उपाय, बरसात के मौसम में जब घनघोर घटा छाई, रिमझिम…
वे स्वर्णिम दिन-अवनीश कुमार
वे स्वर्णिम दिन वे भी क्या स्वर्णिम दिन थे जब सारी शिक्षा गुरु चरणों में मिल जाया करती थी वेद वेदांग, उपनिषद, ऋचा, ऋचाएँ योग, तंत्र, मंत्र, भूगोल, खगोल की…
संस्कार-अवनीश कुमार
संस्कार संस्कारों की छाँव में बड़े-बुजुर्गों की पाँव में मिल रहे सदाचरण अब भी गाँव में। संस्कारों की थाती अब भी बसती है गाँव में, ममत्व, प्रेम, त्याग, स्नेह, अर्पण…
मेरा नाम बिहार हुआ-एम एस हुसैन
मेरा नाम बिहार हुआ 1912 में मैं पैदा हुई जन्म स्थल बंगाल हुआ लोगों से मैं मिली जुली इसी तरह मेरा प्रचार हुआ मेरे पास बहुत बौद्ध भिक्षु रहते हाँ…
बचपन का वो जमाना-एम एस हुसैन
बचपन का वो जमाना आता है याद मुझको बचपन का वो ज़माना । कॉपी किताब लेकर घर से स्कूल जाना ।। उस वक्त की शोखियाँ भी थी अजब निराली ।…
जनसंख्या-अश्मजा प्रियदर्शिनी
जनसंख्या एक अरब सैतिश करोड़ की जनसंख्या वाला है हमारा नेशन 17.64 के दर से बढ रहा पोपूलेशन दिन दूनी, रात चौगुनी विकट हो रहा सिचुएशन वर्तमान दृश्य ऐसा है…
वृक्ष है संजीवनी-अश्मजा प्रियदर्शिनी
वृक्ष है संजीवनी वृक्ष है संजीवनी हमारी वसुंधरा की हैं शान धरती को स्वर्ग बनाते, जैसे ईश्वर का वरदान प्राणवायु देते भरते हर जीव-जन्तु में जान वृक्षों की शाखाओं पर…