गंगा-नूतन कुमारी

  गंगा मोक्षदायिनी गंगा सर्वस्व समाहित कर जगत को निरंतर करती दुलार मां समान। कल्याणकारी गंगा इक बूंद से तृप्ति हो ऐसी ज्यों बुझी तृष्णा अनंत जन्मों की। पतितपावनी गंगा…

गंतव्य-प्रियंका दुबे

गंतव्य जीवन की यात्रा पर  गतिशील है कदम, नहीं ज्ञातव्य यथार्थता, नहीं ज्ञातव्य औचित्य, नहीं है स्पष्ट रास्ते, नहीं जानते गंतव्य, कौन सा पथ है उनका कौन सही है पथिक,…

सुनो बेटियों खूब कमाना-बबीता चौरसिया

सुनो बेटियों खूब कमाना मार सके न कोई ताना सुनो बेटियों खूब कमाना। गहना चूडी बिंदी लाना  खुद से खुद का जीवन सजाना अपनी मर्जी खूब चलाना  सुनो ओ बेटियों…

राम कथा-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’

चौपाई (राम कथा) कमल नयन हरि के अवतारे। त्रेतायुग में अवध पधारे।। सुंदर सुकोमल रूप न्यारा। देख हुआ पावन जग सारा।। अपने संग अनुज को लाए। नृप दशरथ के मान…

आर्तवाणी से पुकारा-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

आर्तवाणी से पुकारा मेरे मोहन इन चरणों की अब तो दे दो सहारा। बिना मांझी यह जीवन नैया कैसे लगे किनारा।। जड़ चेतन सब तेरी माया, कण-कण में तू है…