अदृश्य मित्र-विजय सिंह नीलकण्ठ

अदृश्य मित्र अदृश्य मित्र भी कभी-कभी आ जाते हैं सबके काम ऐसी महानता उनमें होती छुपा के रखे अपना नाम । विपत्तियों में साथ निभाते सम्पत्तियाँ देख प्रसन्न हो जाते…

मित्र महान-विजय सिंह नीलकण्ठ

 मित्र महान मन की बात परखने वाले ही कहलाते सच्चे मित्र चारों दिशाओं में नाम फैलाकर बना देते हैं जैसे इत्र । सुख-दुःख में साथ निभाए कहलाते वे सच्चे मित्र…

दोस्ती-एम एस हुसैन

  दोस्ती  रिश्ता वह अनमोल है नाम है जिसका दोस्ती । छू लेते हैं आसमां को कहलाते हैं महान हस्ती ।। जब दो लोगों का होता है समर्पण बन जाती…

मित्रता-दिलीप कुमार गुप्ता

मित्रता  मित्र संग बंधी जीवन की डोर विश्वास भरा इक स्वर्णिम भोर धूप छांव मे हाथ बंटाये सखा सखा के काम जो आए इससे जीवन मे जागृत स्फूरणा मिटे क्लेश…