नशा मुक्ति अभियान अब तो नशा छोड़ो भाई, क्यों जीवन बिताए बेकार में? समाज भी तिरस्कार करेगा, नहीं होगी शांति परिवार में।। बीड़ी, सिगरेट और तंबाकू, डाले डाका बनकर डाकू।…
पिता-सुरेश कुमार गौरव
पिता पिता अपनी घरौंदे का पूरी आस और विश्वास है सबका भरसक दूर करता निराश और अविश्वास है। खुद दुःख सहता जीवन और संतान का दुखहर्ता हैं परिवार के सभी…
पालनहारा-संगीता कुमारी सिंह
पालनहारा धरती मॉ का हरियाला आंचल है वृक्ष, प्रकृति का श्रृंगार प्राणी का पालनहारा है वृक्ष। सांंसो के चक्र में, निर्मल प्राणवायु का, प्रदाता है वृक्ष। सुंदर पुष्प प्रसून, खिलती…
हम ऐसे क्यों हैं-विवेक कुमार
हम ऐसे क्यूं हैं हर बार मैं यह सोचता हमें सब समझ है आता फिर भूल क्यों हो जाता ये बात समझ न पाता हम ऐसे क्यों हैं हम ऐसे…
महिलाएँ एवं कुटीर उद्योग-गौतम भारती
महिलाएँ एवं कुटीर उद्योग अब महिलाओं को दबाना मुश्किल है, मुश्किल है। ये न समझो कि 2 पुरुष के सर पे ये बोझिल है l अब महिलाओं को दबाना मुश्किल…
निज संस्कृति-दिलीप कुमार गुप्त
निज संस्कृति आँवला बरगद पीपल की पूजा पथिक पाता सघन शीतल छाया द्वारे-द्वारे निबोली संग पवन निरोगी काया मन थीर प्रसन्न निज संस्कृति को शत-शत नमन। घृत कुमारी अश्वगंधा गिलोय…
टूटती कविता-गिरिधर कुमार
टूटती सी कविता रंग चटखने लगे हैं इसके परेशान है कविता कोलाहल से किसी कोविड से किसी यास से किसी ब्लैक रेड फंगस के संताप से। बिखरती चेतना से सहमती…
मानव धर्म-भवानंद सिंह
मानव धर्म आओ मिलकर हाथ बटाएँ न हो मानवता शर्मसार कहीं, हमसब मिलकर इसे बचाएँ दीन दुखियों का साथ निभाएँ। आज आई है विपदा भारी मानवता का लेने परीक्षा, मानव…
पर्यावरण-भोला प्रसाद शर्मा
पर्यावरण सोच-सोचकर ये मन सोच नहीं पाता, क्यों हे! मानव पर्यावरण को छ्लाता। कहता मैं कर्म करता नित भला सबका, पर व्यावहारिक पुरुषार्थ कभी न दिखलाता। मन मसक्क्त की गलियों…
वैज्ञानिक आविष्कार-नीभा सिंह
वैज्ञानिक आविष्कार पैदल चलकर जब हुए विकल मैकमिलन ने बनाया साईकिल।🚲 …