जिंदगी का सार-संगीता कुमारी सिंह

जिंदगी का सार यूं ही कभी आसमाँ को निहारते, देखा मैंने, शाम के धुंधलके में, चाँद का निकलना, शुभ्र, धवल, चमकता चाँद, आभा बिखेरता किसी, देवता के समान, यूं ही…

तन माटी का एक खिलौना-रानी सिंह

तन माटी का एक खिलौना जन्म-मरण का फेरा यारों चलता बारंबार यहाँ तन माटी का एक खिलौना टूटा कितनी बार यहाँ। लिया जन्म जो मृत्युलोक में उसको तो जाना होगा…

बचपन-प्रियंका दूबे

बचपन जीवन का आरंभ है ये भविष्य की बुनियाद है ये  बचपन है जिसका नाम नहीं है सबके लिए आसान। स्वपनिल आँखो में सुन्दर जीवन की आस लिए, नन्हे कदमों…

नौनिहाल भारत माँ के-अंजलि कुमारी

नौनिहाल भारत माँ के नौनिहाल भारत माँ के विद्यालय में पढ़ने आते हैं । बनकर पथप्रदर्शक हम शिक्षक उनका भविष्य गढ़ने आते हैं ।। हर वर्ग से हर समुदाय से,…