दीपक मनन-चिंतन करों बच्चों, यह दीपक कैसे जलता है, फ़िज़ा को यह करें रौशन, तले अंधेरा रहता है। हरेक मौसम, हरेक बेला, तमस को दूर करता है, तिमिर को शोख़…
माँ कहाँ-अमृता सिंह
माँ कहाँ है राहें वही, वही पगडंडियाँ। जिनमे रहते थे तेरे पैरों के निशां उन निशानों में मैं तुझको ढूंढा करूँ मेरी माँ तू कहाँ है? कहाँ है? कहाँ? है…
शून्य में भी शब्द तुम हो माँ-मनु कुमारी
शून्य में भी शब्द तुम हो माँ तुम सा कोई नहीं इस जहाँ में, तुम हो ममता की मूरत। मेरे हृदय में बसी है, माँ तुम्हारी प्यारी सूरत। तुम हीं…
प्यारी माँ-मुकेश कुमार
प्यारी माँ बिन बोले ढेर सारा प्यार लुटाती माँ, दुनियाँ प्यारी है क्योंकि पास में है माँ, कोई पूछे न पूछे, यह जरूर पूछती माँ, मेरे बेटे ने खाना खाया…
मां सृष्टिकर्तृ-सुरेश कुमार गौरव
मां सृष्टिकर्तृ मां! यानी सृष्टिकर्त्तृ स्त्री का महान दातृ रुप इस नाम की सार्थकता सबला शक्तिरुपा में सदा परिलक्षित दिखती है। वात्सल्य भाव प्रेषित कर जीवन रुपी पात्रों में ममता,…
पहला पग-नितेश आनन्द
पहला पग आया तो था खाली हाथ हीं वो, लेकिन उम्मीदों से भरा पड़ा था वो। एक सिकन जरूर थी चेहरे पर उसके, क्या घर की ममता मिल पाएगी यहां…
हे वसुधा तूझे शत शत प्रणाम-नरेश कुमार “निराला”
हे वसुधा तूझे शत-शत प्रणाम भू, भूमि, क्षिति, धरणी, धरित्रि ये सब धरा के पर्यायवाची नाम, वसुंधरा से हमें मिलती है जीवन वेदों ने माना इसे माँ के समान हे…
माँँ-संध्या राय
माँ माँ है ममता, माँ है प्यार। माँ है जीवन का आधार। माँ से ही है जीवन, माँ है जीवनदायिनी। आँखों में माँ, बातों में माँ, रुधिरों में माँ बहती…
चंचल वन में कोरोना-निधि चौधरी
चंचल वन में कोरोना चंचल वन में आया कोरोना, भूल गए सब खेल खिलौना। बंदर मामा को हुआ बुखार, डूबा चिंता में जंगल परिवार। डाल डाल पर कूदा फानी, करते…
प्यारी मॉंं-ज्योति कुमारी
प्यारी मॉं माँ, मेरी माँ, प्यारी माँ कुछ कहना नहीं मुझे तुम्हारे लिए, इतने शब्द कहाँ से लाऊँ मैं, ईश्वर को देखा नहीं पर तू कहती है तो पत्थर को…