युवा सन्यासी-अपराजिता कुमारी

युवा सन्यासी नवयुग, नवभारत की नींव रखने समग्र विश्व में भारत के धर्म, दर्शन, अध्यात्म की खुशबू फैलाने विश्व में भारत को विश्व गुरु बनाने कोलकाता में 12 जनवरी 1863…

चित्र चिंतन-आँचल शरण

चित्र चिंतन ए स्वप्न परी क्या सोच रही है यूँ काली अंधेरी रातों में?  क्या लुप्त हो गया जो ढुूंढ रही हो इस तारों से घिरी नीली अम्बर की अंधियारों…

विवेकानंद-सुधीर कुमार 

विवेकानंद  हे युग पुरुष, हे युग प्रवर्तक,  तुमको बारम्बार प्रणाम।  तुमने भारतीय संस्कृति को,  दिया था एक नया आयाम।  रुढ़ि और बंधनों से तुमने,  देश को मुक्त कराया।  भटके हुए…

चेतना वाणी का शुभ वरदान है हिंदी-शालिनी कुमारी

चेतना वाणी का शुभ वरदान है हिंदी हिंदी हमारी आन है हिंदी हमारी शान है हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।  हिंदी हमारे देश की मातृभाषा की पहचान…

हम शान्ति के दूत-संयुक्ता कुमारी

हम शान्ति के दूत हम शांति के दूत बनें परम पिता के हम संतान। प्रेम फैलाए एकता बढ़ाएँ,  करें जन जन का कल्याण।। दुखियों की सदा सेवा करें, उनका करे…

शनैः शनैः जिंदगी गुजर रही है-नूतन कुमारी

शनैः शनैः जिंदगी गुजर रही है लम्हों का गुजरना ऐसा है मानों, मुट्ठी से रेत फिसल रही है, इसे गिले-शिकवे में न जाया कर, क्योंकि शनैः शनैः जिंदगी गुजर रही…