हिंदी दिवस 14 सितंबर को हम सब मिलकर, आओ हिंदी दिवस मनाएँ, अपनी संस्कृति एवं सभ्यता को, पुनः जीवित करने में योगदान दिलाएँ। हिंदी हैं हम हिंदुस्ता हमारा, यह सब…
मैं हिन्दी हूँ-स्वाति सौरभ
मैं हिन्दी हूँ मैं हिन्दी हूँ, थोड़ी घबराई हुई-सी हूँ। अपने अस्तित्व के खो जाने के डर से। कहीं मैं भी सिर्फ किताबों की, भाषा बनकर ही ना रह जाऊँ।…
मैं हिन्दी-अपराजिता कुमारी
मैं हिंदी मैं भारत की मातृभाषा मैं जन्मी देव भाषा संस्कृत से मेरी लिपि देवनागरी 14 सितंबर 1949 को बनी वैज्ञानिक एवं सामर्थ्यवान भाषा मैं भारत की राज्य भाषा मेरा…
मातृभाषा की करुण पुकार-विजय सिंह नीलकण्ठ
मातृभाषा की करूण पुकार हिन्दी भाषा रो रही है कर रही है हमसे विनती मेरी साख बचाओ बन्धु मानो एक सलाह कीमती। …
हिन्दी एक शाश्वत भाषा-प्रियंका प्रिया
हिंदी एक शाश्वत भाषा हिंदी है भाषा की जननी, है इसका महत्व अग्रणी। हमारे जीवन नैया की यह है कर्णधार, क्योंकि इसकी है महिमा अपार। इसके साथ आए अनेक विचार,…
शब्द-ज्योति कुमारी
शब्द शब्द भेदी बाण जब चला होगा !! कोई हुआ है घायल, क्या उसे पता चला होगा? ये कमान से निकला तीर नहीं, ये तो शब्दों से चला, दिल पर…
बरखा रानी-कुमारी अनु साह
बरखा रानी बरखा रानी बरखा रानी जम के बरसाओ पानी । हम भी कागज की नाव बनाएँगे पानी में उसे तैराएँगे ताली फिर बजाएँगे खूब करेंगे मनमानी । बरखा रानी…
जीवन तो चलते जाना है-अर्चना गुप्ता
जीवन तो चलते जाना है माना संघर्षों से भरा जीवन है पर चलना अनवरत हर क्षण है, छिप जाए गर तम में दिनकर देख न उसे अब घबराना है ,…
हम बच्चे भी तो भविष्य देश के-अपराजिता कुमारी
हम बच्चे भी तो भविष्य देश के हम बच्चे भी तो भविष्य देश के, बालश्रम क्या देश के भविष्य पर प्रतिघात नहीं 🧒🏻हमें भी दे दो ना, खेलने, पढ़ने, प्यार,…
सुन गोरैया-डाॅ. अनुपमा श्रीवास्तव
सुन गोरैया सुन “गोरैया”! तेरे जैसी मैं भी एक चिड़ियाँ होती जब जी करता उड़ते-उड़ते सैर जहान का कर आती । न रहता कोई टोका-टोकी न करता कोई रोका-रोकी फिक्र…