नित्य कर्म करती है प्रकृति पर,रहती है शाश्वत मौन,कई प्रश्न उठते हैं मन में,इसका उत्तर देगा कौन ? नित्य समय पर दिनकर आता,प्रकाश का अक्षय भंडार,इस जगती के हर प्राणी…
गुरु से विनय – राम किशोर पाठक
गुरु से विनय- किशोर छंद गीत हम-सब छोटे बालक पढ़ने, आएँ हैं। गुरुवर लाख बुराई हममें, पाएँ हैं।। सारे छोड़े काम अधूरा, जाने दें। पुलकित रहता हृदय हमारा, गाने दें।।…
विश्व आत्महत्या निवारण दिवस-गिरीन्द्र मोहन झा
हर वक्त समझना अमूल्य जीवन का मोल, हर स्थिति में तू सदा शुभ सोच, तू शुभ बोल, धैर्य, धर्म, साहस, आत्मबल तू कभी न हार, हर दोष-दुर्बलता पर पराक्रम से…
हिंदी हैं पहचान हमारी – रवि कुमार
हिंदी है पहचान हमारी हिंदी है पहचान हमारी, हिंदी हैं स्वाभिमान हमारी । हिंदी से है ‘हिन्द’ वतन ये, भाषाओं में है सबसे प्यारी ।। याद करो वो दिन भी…
हमारी हिंदी – मधु कुमारी
चाहे बोलें कोई भी भाषा,अपनी तो पहचान है हिंदी सरल,सहज, अनुपम है हिंदी,हम “हिंदी”की जान है हिंदी “अ”अनपढ़ से होकर शुरू, “ज्ञ”से ज्ञानी बनती हिंदी क्या कहें कैसी है हिंदी,हां!…
हिंदी – गिरिधर कुमार
हिंदी हिन्द की आवाज, प्राकृत, पाली, संस्कृत से क्रमशः निःसृत, भारतीयता की पहचान हिंदी। भारतेंदु से पंत तक, महादेवी से भावपूरित, निराला के अंनत तक, दिनकर की ओज…
हिंदी हैं हम – आशीष कुमार पाठक
हिंदी हैं हम हिंदी हमारी वेदना हिंदी हमारी गान हिंदी हमारी आत्मा यह देश की हर तोतली आवाज हिंदी हमारी जान हमारी आन बान और शान मातृभूमि पर मर…
बाल कविता – पप्पु ठाकुर
।। बाल कविता ।। मिट्टी की हंडी में पके, चावल का भात खाके चावल का लाड़ू, टूट गया दाँत । गेहूँ का सत्तु और गेहूँ का आटा फट गया पन्नी,…
पर्यावरण-संगीता कुमारी
पेड़ लगाओ, भविष्य बचाओ पेड़ लगाओ, भविष्य बचाओ, प्रदूषण कम करो, जीवन बचाओ। हरित क्रांति की ओर बढ़ो, पर्यावरण को बचाने का वक्त है। पृथ्वी की पुकार पृथ्वी की पुकार…
भारत के मंत्रिमंडल – उषा कुमारी
हमारे देश का नाम है भारत, इसकी बहुत पुरानी कहानी। नई दिल्ली है भारत की राजधानी।। जुकाम जब कभी आए, हमेशा करे रुमाल का उपयोग करें ना अपने नाक को…