पावन शुचिमय भाव रख, रचें नवल संसार। दे सबको नव वर्ष शुभ, खुशियों का उपहार।। द्वेष पुराना भूलकर, करिए नेक विचार। स्वागत हो नव वर्ष का, लेकर खुशी अपार।। खुशियाँ…
प्रेम उपहार-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद सबकी बनाए भाल चौबीस का नया साल, साथियों के लिए लाए, खुशियां अपार है। आप सभी छोटे बड़े रहते हैं साथ खड़े, आपकी दुआएं हमें, दिल से…
वीर बाल दिवस – नीतू रानी
दो वीर बालक आज है वीर बाल दिवस का दिन आज का दिन है बड़ा महान, आज हीं दो छोटे-छोटे बालक हँसते-हँसते दी वो अपनी जान। एक का नाम था…
दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
शीत मास में हम सभी, रखें गात का ध्यान। स्वस्थ देह सद्कर्म ही, सुखद शांति संज्ञान।। दस्तक दी है शीत ने, ओढ़ रजाई प्रीति। हों सेवन रवि-रश्मि का, यही सुखद…
झूठी शान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
जब कोई बेसहारा पाता हो सहारा नहीं, दिखावे को महलों में रखते हैं बाँध स्वान। सोने हेतु काफी होता दो गज जमीन जब, क्या फायदा रहने को, भवन हो आलिशान?…
किताब मेरा साथी – अभिनव कुमार
किसी ने कहा, तू मौन हो गया है । आजकल अपने आप में गौण हो गया है।। लगता है तेरे दोस्त, तुझे छोड़ दिए। तुमसे बातें करने वाले मुख मोड़…
The Power of Maths – Ashish K Pathak
The Power 💪of Maths How many seconds in an hour? and how many in a day? What size are the planets? and our Earth is at which number? How far…
अरमान – मनु रमण चेतना
है दिल से यही अरमान मेरी, मैं कुछ करके दिखला जाऊं। आशाहीन मानव के घर, उम्मीद के दीप जला आऊं। अमीरों के संग सुख -दुख में , सब साथ खुशी…
प्रशिक्षण – गौतम भारती
प्रशिक्षण क्या है ? क्यों घबराना ? क्यों करना कोई बहाना है ? कौशल का है लेना – देना 2 बस करके ही तो सिखाना है । प्रशिक्षण क्या है…
पढ़ें -लिखे को मुर्ख बनाता है – नीतू रानी
विषय -अनपढ हुकूमत करता है। शीर्षक – पढ़ें -लिखे को मुर्ख बनाता है। अनपढ़ हुकूमत करता है, पढ़े-लिखे को बेवकूफ बनाता है । सोचता है हम हैं बहुत पढ़े उसी…