भक्ति भाव मन- वासुदेव छंद गीत
पावन अब तन, करना है।
भक्ति भाव मन, धरना है।।
भोग रहे सब, कृत अपने।
देख रहे बस, नित सपने।।
पाप बोझ तज, मरना है।
भक्ति भाव मन, धरना है।।०१।।
जन्म लिए हम, मानव में।
ढोते हैं गम, आनव में।।
आज सकल दुख, हरना है।
भक्ति भाव मन, धरना है।।०२।।
राम कृपा अब, वारे हैं।
मुझको भी अब, तारे हैं।।
राम नाम जप, तरना है।
भक्ति भाव मन, धरना है।।०३।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
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