समृद्ध भारत – दोहा छंद गीत
है समृद्ध भारत सदा, बौद्धिकता में खास।
हमें गर्व होता रहा, है पावन इतिहास।।
सत्य सनातन संत से, संशय सदा सुधार।
हरपल जग को दे रहा, अनुभव का आधार।।
पहचानें इस बात को, क्या है मेरे पास।
हमें गर्व होता रहा, है पावन इतिहास।।०१।।
हमने दुनिया को यहाँ, सदा दिखाई राह।
सारी वसुधा संग रख, अपनेपन की चाह।।
पुलकित रहना है सदा, मन में रख उल्लास।
हमें गर्व होता रहा, है पावन इतिहास।।०२।।
वेद हमारे ज्ञान का, ऐसी अद्भुत खान।
जिसपर चिंतन कर रहा, हर-पल सकल जहान।।
ईश्वर भी अवतार ले, यहाँ रचाते रास।
हमें गर्व होता रहा, है पावन इतिहास।।०३।।
भारत कौशल में सदा, रहा जगत सिरमौर।
चाहे कोई क्षेत्र हो, करके देखो गौर।।
कर्मो से फैला रहे, चारों ओर सुवास।
हमें गर्व होता रहा, है पावन इतिहास।।०४।।
हर विरोध को झेलकर, सदा बचाया मान।
आज हमारे ज्ञान पर, चलता है विज्ञान।।
दुनिया को होता सदा, अचरज का आभास।
हमें गर्व होता रहा, है पावन इतिहास।।०५।।
गीतकार:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
