करवा चौथ
देवी धरोहर पार्वती जय,जय देवी पांचाली की।
आज करें विनती हम मिलकर,पुण्य बहाने वाली की।।
पाकर कथा शुभंकर शिव से,शिवा लिए धरती आई।
गंगधार-सी कल-कल छल-छल,धरा पुण्य भरती आई ।।
पुण्यदायिनी तेरी जय;जय,शुभ फैलाने वाली की।
आज करें विनती हम मिलकर,पुण्य बहाने वाली की।।
खुले द्वार द्वापर के भी थे,करवा चौथ मनाने को।
कृष्ण खड़े थे कृष्णा सम्मुख,पावन भाव समाने को।।
कृष्ण कहे कृष्णा की जय;जय,प्रथा चलाने वाली की।
आज करें विनती हम मिलकर,पुण्य बहाने वाली की।।
पूजन करने चंद्रदेव का,दौड़ रहे सब नर-नारी।
कार्तिक नामक कृष्ण पक्ष तिथि,चौथ बहुत है शुभकारी।।
कोटि नमन कर नियत काल अरु,नियम बताने वाली की।
करें आज विनती हम मिलकर,पुण्य बहाने वाली की।।
कार्तिक महिमा पावनशाली,छठ भी आने वाली है।
अर्घ्य चढ़ा है अर्घ्य चढ़ेगा, अभी स्वर्ग भी खाली है।।
कोटि चौथ कार्तिक की जय-जय,जय हो आने वाली की।
करें आज विनती हम मिलकर,पुण्य बहाने वाली की।।
रामपाल प्रसाद सिंह अनजान
प्रभारी प्रधानाध्यापक
मध्य विद्यालय दर्वेभदौर
पंडारक पटना बिहार
