शिक्षक – रत्ना प्रिया

शिक्षक

अशिक्षित को जो शिक्षित कर दे,
ज्ञान से तम को हर ले,
दृढ़ आशा की किरण देकर,
सुपथ पर ले जाते हैं ।
वह शिक्षक कहलाते हैं ।

शिक्षक दिनकर-सा उजियारा,
प्रकाशित तम हो सारा,
समाज को परिवर्तित करते,
उचित मार्ग दिखलाते हैं ।
वह शिक्षक कहलाते हैं ।

माली व कुम्हार वही हैं,
देशनिर्माता सही है,
चरित्रवान बनाने वाले,
ठोंकते, सहलाते हैं ।
वह शिक्षक कहलाते हैं ।

छात्रों पर स्नेह लुटायें,
गलती पर आंख दिखायें
मंजिल पाने की धुन हो,
लक्ष्य याद दिलाते हैं ।
वह शिक्षक कहलाते हैं ।

भारत का अस्तित्व तुम्हीं,
छात्र हो, भविष्य तुम्हीं,
तुम सँवारो आज स्वयं को,
धो-पोंछ चमकाते हैं ।
वह शिक्षक कहलाते हैं ।

  • रत्ना प्रिया – शिक्षिका (11 – 12)
    उच्च माध्यमिक विद्यालय माधोपुर
    चंडी ,नालंदा
1 Likes
Spread the love

Leave a Reply