शिक्षक शिक्षा दे सदा, मान इसे निज धर्म।
छात्र समर्पित हो जहाँ, करता अपना कर्म।।
शिक्षक साधक सा सदा, करे साधना रोज।
कंटक पथ चलता हुआ, भरे छात्र में ओज।।
कठिन बड़ा यह कार्य है, संयम रखिए साथ।
शिक्षक के आदर्श का, मिलता है फल हाथ।।
शिक्षक जीवन को सदा, करता दिशा प्रदान।
शिक्षा जिसके केंद्र में, करता कर्म महान।।
मिलिए शिक्षक से सदा, पूछ लीजिए हाल।
पल-पल जो बदला करें, छात्र जगत का चाल।।
शिक्षक अपने कर्म से, नित्य बनाते राह।
छात्रों में नवचेतना, और जगाते चाह।।
कठिन कार्य भी सरल हो, जब शिक्षक का साथ।
नमन करें उस ईश का, जिनका सिर पर हाथ।।
अच्छा लगता है सदा, जिसे छात्र का साथ।
गौरव की गाथा सदा, रहता उनके माथ।।
राष्ट्र निर्माण भाव ले, करते सदा प्रयत्न।
ऐसे शिक्षक ही सदा, होते सच्चे रत्न।।
निज हित इच्छा त्यागकर, रचता रहता काम।
शिक्षक शिक्षा से सदा, करता कार्य तमाम।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला
बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
