बिहार: संस्कृति का समृद्ध सार – सुरेश कुमार गौरव

राजगृह की पावन वादियाँ, ऋषियों की तपभूमि, गृद्धकूट की चोटी बोले, बुद्ध की अमिट प्रतीति। सप्तधाराएँ बहती जातीं, गूंजे जहां ज्ञान-विचार, हे मगध! तू गौरव-गाथा, तू भारत का उद्गार। बोधगया…

अपना बिहार-संयुक्ता कुमारी

अपना बिहार अपना बिहार सुखमय संसार है हमारा यही प्रेम आधार।। मैया सीता की पावन धरती विद्यापति का यह संसार।। बाल्मीकि का रामायण मिथिला का पावन संस्कार।। हम बिहारी सीधे-साधे…