एक कवि की सोच एक कवि की सोच अद्भुत, विश्वसनीय, अकल्पनीय है। कवि तो मस्तमौला है, इसे मानो या न मानो, अद्भूत अलबेला है। सभी कहते हैं, जहाँ न पहुँचे…
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शिक्षक सेवक है-अशोक प्रियदर्शी
शिक्षक सेवक है शिक्षक सेवक है, सृष्टि के बारे में बताने का उस शिक्षक को नमन है। शिक्षक सेवक है अपनी मां का, उस शिक्षक को नमन है। शिक्षक सेवक…
पढ़ना है-अशोक प्रियदर्शी
पढ़ना है पढ़ने का काम जिसने शुरू किया अति उत्तम सबों को है विद्या दिया। पढ़ाई ही मानव का असली पूजा है इसके सिवा कुछ नहीं दूजा है। पढ़ना सिर्फ…
कलम की ताक़त-अशोक प्रियदर्शी
कलम की ताक़त कलम एक तेज हथियार है, इसका प्रयोग संभलकर करना है। जो समझे इसकी महत्ता को, वरना जीते जी मरना है । कलम में गुणकारी संस्कार है, प्रायः…
विद्यालय में प्रवेशोत्सव-अशोक प्रियदर्शी
विद्यालय में प्रवेशोत्सव विद्यालय में प्रवेश उत्सव आया है हर बच्चे के मन को खूब भाया है। नये साल का नया महीना नहीं चलेगा अब कोई बहाना। चलो ! बच्चे…
माँ का प्यार-अशोक प्रियदर्शी
माँ का प्यार माँ जग जननी है—- काफी कष्ट सहकर, जिसने हमें पैदा किया। बड़े जतन से याद करो, सृष्टि हमें माँ उपहार दिया। माँ जग जननी है—- बहुत दुःख…