आज की नारी मोहताज नहीं किसी की-विवेक कुमार

आज की नारी मोहताज नहीं किसी की प्रकृति की हसीन वादियों की नूर है नारी, सृष्टि की अमिट निशानी पालनहार है नारी, युगों युगों से सामाजिक कुरीतियों से घिरती चली…