देखता हूँ गौर से क्षितिज के पास लेकिन सम्मुख सा सभी कुछ के साथ स्वयं की प्रतीति ऊहापोह और विश्रांतता दोनों ही! यह तो अपना ही चेहरा है! यह तो…
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