एक दीया दुनियाँ ने कहा-तू है एक “दीया” तू ही बता तेरी “औकात” क्या? हँसता है तिमिर तुझे देखकर सामने “सूरज” के, तेरी बिसात क्या! जमाने के ताने को “दीये”…
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