एक दीया दुनियाँ ने कहा-तू है एक “दीया” तू ही बता तेरी “औकात” क्या? हँसता है तिमिर तुझे देखकर सामने “सूरज” के, तेरी बिसात क्या! जमाने के ताने को “दीये”…
SHARE WITH US
Share Your Story on
writers.teachersofbihar@gmail.com
Recent Post
- देव दिवाली मनाएँ आज- रामकिशोर पाठक
- बच्चों जीवन को सादगी से अपनाना- रुचिका
- भारत के चमकते नूर- अमरनाथ त्रिवेदी
- चाचा नेहरू – रामकिशोर पाठक
- आओ गीत खुशी के गाएँ- अमरनाथ त्रिवेदी
- लें सबक प्रदूषण से- अमरनाथ त्रिवेदी
- छठी की महिमा जैनेन्द्र प्रसाद रवि
- छठ- महिमा – रत्ना प्रिया
- छठ पर्व की महिमा – अमरनाथ त्रिवेदी
- छठ व्रत का विधान – रामकिशोर पाठक