🖥️🖥️💻💻 ⌨️🖱️🖨️📀 कंप्यूटर एक सपना था अनोखी, निराली हुआ जीवंत हुई अनंत खुशहाली। इसे देखकर मन हुआ उमंग इससे करना था कार्य अनंत।। सन 1822 की है बात पास्कल की…
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स्वरचित कविता का प्रकाशन
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