शुभकामना संदेश नववर्ष के उपलक्ष्य में, शुभकामना है मेरी। यही कामना है मेरी, शुभकामना है मेरी। हम नित यूँ ही बढ़ते जाएँ, अपनी मंजिल को हम पाएँ। अपने शुभ कर्मों…
Tag: कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृती
नशामुक्त हो जहां-कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
नशामुक्त हो जहां नशामुक्त होगा अगर इंसान, करेगा सभ्य समाज का निर्माण। देकर अपनी रचनात्मक योगदान, कराएगा मानवता की पहचान। नशा का मत कर तू पान, संवार ले अपनी कीमती…
संविधान दिवस-कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
संविधान दिवस हमारा भारत देश था बड़ा परेशान, अंग्रेजों ने किया था बड़ा नुकसान। भारतीयों ने तब मन में लिया था ठान, देश को स्वतंत्र कराने में लगा देंगे अपनी…
स्तुति-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
नवदुर्गा पूजा मेरी स्वीकारो माता, जग-जननी जगदंबे माता। नवरूप धर मेरी प्यारी मैय्या, घर में मेरे पधारो माता। पूजा मेरी…………………. प्रथम रूप शैलपुत्री माता, हृदय बीच समाओ माता। अपनी अनुपम…
आओ वैक्सीनेशन कराएँ-कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
आओ वैक्सीनेशन कराएँ कोरोना ने जन-जन को बहुत रुलाया है हम सबके जीवन को अस्त-व्यस्त बनाया है हमारे वैज्ञानिकों ने अथक प्रयास से देखो अब कोरोना वैक्सीन बनाया है इसलिए…
प्रीत जहाँ की रीत सदा-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
प्रीत जहाँ की रीत है प्रीत जहाँ की रीत सदा, हम उस राष्ट्र की बाला हैं। जहाँ की माटी का कण-कण, मानवता का रखवाला है। भारत प्यारा देश हमारा, सब…
बेजुबान-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
बेजुबान जरा देखकर गाड़ी, चलाओ गाड़ीवान। तेरी लापरवाही से निकल जाता कितने बेजुबानों का प्राण। मारकर ठोकर उनको, तुम कर देते हो लहुलुहान। राह पर तड़पता छोड़, क्यों निकल जाते…
जय गंगा मैय्या-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
जय गंगा मैय्या हर हर गंगे, नमामि गंगे। पतितपावनी, मोक्षदायिनी गंगे। भगीरथ के तपोबल से गंगा, वैकुण्ठ छोड़ धरा पर आई। महादेव के जटा में समाकर, निर्मल धार धरा पर…
योग और आध्यात्म-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृती’
योग और आध्यात्म योग है आध्यात्मक की सीढ़ी जो जन इसपर चढ़ता जाता है तन-मन अपना पावन बनाकर अद्भुत सुख वो पाता है। योग की निरंतर साधना से अंतर्मन खिल…