गंतव्य-प्रियंका दुबे

गंतव्य जीवन की यात्रा पर  गतिशील है कदम, नहीं ज्ञातव्य यथार्थता, नहीं ज्ञातव्य औचित्य, नहीं है स्पष्ट रास्ते, नहीं जानते गंतव्य, कौन सा पथ है उनका कौन सही है पथिक,…