भजन तोहर माथे में मुकुट गले हार सोहे ली, माई दसों हाथ तोहर हथियार सोहे ली। कर में कंगन सोहे भाल सोहे बिंदिया, असुरों के देख तोहे आवे नहीं निंदिया।…
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माॅं-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
माॅं मन मंदिर में तुझे बिठाकर, मां चरणों में नबाऊं शीश। तू हीं दुर्गा, मां शारदा, उमा बन कर देना आशीष।। तेरी चरणों में जन्नत है, तेरी गोद में काबा-काशी।…
बापू की निशानी-जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
बापू की निशानी देश की आजादी पर अर्पित कर दी जवानी है, ये आजादी तो बापू की अमिट निशानी है। पोरबंदर का एक राजदुलारा बन गया दुनिया की आंखों का…
पानी से जिंदगानी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
पानी से जिंदगानी वर्षा से जीवन मिलता है, खेतों को हरियाली, हरे भरे पेड़ों की प्रकृति करती रखवाली। पानी की बुंदे है बहुत किमती, यही सच्चा सोना, इसी से आबाद…
धरती को स्वर्ग बनाएं-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
धरती को स्वर्ग बनाएं आओ बच्चों मिल जुल कर हम स्वच्छता अपनाएं, पृथ्वी को प्रदूषण मुक्त कर धरती को स्वर्ग बनाएं। नदियों में नाले बहाने से जल प्रदुषित होता है,…
शिक्षक-जैनेन्द्र प्रसाद “रवि”
शिक्षक शिक्षक शिक्षा दान करें, निज शिष्यों का अज्ञान हरें । जाति-धर्म से परे रहकर, मानवता का कल्याण करें। हम दुनियाँ के लोगों में शिक्षा का अलख जगाते हैं, अशिक्षित,…
आलू की शादी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
आलू की शादी आलू राजा लेकर चले बारात, साथ सभी सब्जी की जमात। गोल मटोल हैं दुल्हा राजा, संग में गाड़ी और बैंड बाजा। भिंडी, करेला, कोहड़ा नाचे, बैंगन पंडित…
पानी की कहानी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
पानी की कहानी आओ बच्चों तुम्हें सुनाएं आज एक नई कहानी। कहां से आता, कहां को जाता है वर्षा का पानी।। सूरज से गर्मी को पाकर जल वाष्प बन जाता…
स्तनपान-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
स्तनपान मां के गर्भ में बच्चा जिस दिन से आता है। उसी दिन से दोनों में जुड़ता अटूट नाता है।। रखती है नौ मास उसे सहेज कर अपने उदर में।…
आर्तवाणी से पुकारा-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
आर्तवाणी से पुकारा मेरे मोहन इन चरणों की अब तो दे दो सहारा। बिना मांझी यह जीवन नैया कैसे लगे किनारा।। जड़ चेतन सब तेरी माया, कण-कण में तू है…