नशा मुक्ति अभियान अब तो नशा छोड़ो भाई, क्यों जीवन बिताए बेकार में? समाज भी तिरस्कार करेगा, नहीं होगी शांति परिवार में।। बीड़ी, सिगरेट और तंबाकू, डाले डाका बनकर डाकू।…
Tag: जैनेन्द्र प्रसाद “रवि”
नशा मुक्ति अभियान-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
नशा मुक्ति अभियान अब तो नशा छोड़ो भाई, क्यों जीवन बिताए बेकार में? समाज भी तिरस्कार करेगा, नहीं होगी शांति परिवार में।। बीड़ी, सिगरेट और तंबाकू, डाले डाका बनकर डाकू।…
मानव-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
मानव यह मानव जीवन पाकर भी नहीं किया कोई परोपकार है। मोह, माया में लिपटा रहा, यह मानव तन बेकार है।। सुन्दर तन अभिमान में फूला रहा दिन रात। किसी…
मजदूर-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
मजदूर सुख और सुविधा से जो कोसों रहते दूर हैं। ग़रीबी की चक्की में पिसते दुनिया में मजदूर हैं।। अपने नाजुक कंधों पर दुनिया की बोझ उठाते हैं, दिनभर की…
वसुन्धरा-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
वसुन्धरा आओ देश वासियों तुझे पुकारती वसुन्धरा। बिना बोले अपनी भाषा में देती संदेश दर्दभरा।। पेड़-पौधे कट रहे, पृथ्वी हो रही विरान है। स्वच्छ हवा, निर्मल पानी में बसते सबके…
पढ़ना है-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
पढ़ना है हमको भी अब पढ़ना है, जीवन में आगे बढ़ना है। बाधाओं के मेले हैं, नित्य नये झमेले हैं। आलस्य का जंजीर काटकर, हिम शिखर पर चढ़ना है। जीवन…
नारी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
नारी श्रद्धा से प्रेरणा पा मनु को आई जागृति। नारी समाज की दामन से, जुड़ी भारत की संस्कृति।। नारी थी सीता, सावित्री, नारी अहिल्या, तारा है। इसी की ओट पाकर,…
प्रवेशोत्सव-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
प्रवेशोत्सव बच्चों को हमें पढ़ाना है, हमें नया बिहार बनाना है। अशिक्षित समाज के लोगों में, शिक्षा का अलख जगाना है।। बच्चे को विद्यालय में भेजो, पढ़ाने का अवसर है…
गौरव बिहार-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
गौरव बिहार जो गौतम की है तपोभूमि, जिसे महावीर का मिला प्यार। वह भारत का गौरव बिहार।। कोशी, कमला, बूढ़ी गंडक, इस धरती को पहुंचाती ठंडक। सदियों से है पावन…
गंगा-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
गंगा स्वर्ग से धरती पर आई, जन-जन की पातक नाशिनी गंगा। विष्णु के चरणों से निकली, शिव जटा निवासिनी गंगा।। विष्णुपदी, सुरसरी, जाह्नवी, कहीं मंदाकिनी बन जाती है। विविध नामों…