डर डर का दायरा बहुत बड़ा है, डर के आगे जीत खड़ा है। डर के मारे भयभीत जो होता, चैन की नींद वह कभी न सोता। करता शंका तरह-तरह की,…
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मित्रता-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
मित्रता कृष्ण जैसा हो मित्र हमारा, दीन सुदामा को दिल हारा। प्रेम में पग कर जिसने अपने, बाल सखा को दिया सहारा। मित्र बना था कर्ण किसी का, कर दिया…
भारत महान-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
भारत महान हमारा भारत देश महान है, हमें तिरंगे पर अभिमान है। उत्तर में है खड़ा हिमालय, घर-घर मंदिर और शिवालय। तीन ओर से अंक में लेकर, सागर करता गुणगान…
टीओबी है दर्पण-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
टीओबी है दर्पण शुक्रिया अदा करूं कैसे, कोई शब्द नहीं है पास मेरे। जिनसे न कभी कोई रिश्ता था, वे परिचित हुए सभी ख़ास मेरे।। टीओबी ने ऐसा मंच दिया,…
मां की ममता-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
मां की ममता मां की ममता सबसे न्यारी, अपनी संतान पर दुनिया वारी। भूख नहीं पर हमें खिलाती, खिलौने देकर हमें मनाती। पीछे-पीछे दौड़ी चली आती, हाथ में लेकर दूध…
पिता की चाहत-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
पिता की चाहत जीवन का अभियान पिता का, बच्चे होते अरमान पिता का। तिनका तिनका जोड़ जुटाया, अपने सपनों का महल बनाया, उसमें बसती जान पिता का। ताकत से बढ़कर…
सर्दी- जैनेन्द्र प्रसाद रवि
सर्दी चुपके-चुपके आती सर्दी, सबको बहुत सताती सर्दी। अमीरों को यह ख़ूब है भाती, गरीबों को यह बहुत सताती। आग की थोड़ी गर्मी पाकर, छिपकर दुम दबाती सर्दी। अमीरों को…
सम्मान-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
सम्मान जो दूसरों का करता सम्मान, जग में उसका बढ़ता है मान। दूसरों की सम्मान जो करता, अपना जीवन उसके नाम है करता। सुख-दुःख की परवाह किये बिना, सबके हित…
जवाहरलाल-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
जवाहरलाल भारत भूमि पर धूमकेतू सा आया एक सितारा। राजनीति में छा गया बनकर वह ध्रुवतारा।। गाँधी, सुभाष, तिलक, भगत संग मिलकर किया कमाल। आनंद भवन के नेहरू परिवार…
दिवाली-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
दिवाली अबकी बार फिर है आई खुशियों की दिवाली, यह सबके जीवन में लाये समृद्धि, खुशहाली। मिल-जुल कर सब साथ रहें बना रहे भाई चारा, सबको पावन करती है जैसे…