टीओबी है दर्पण शुक्रिया अदा करूं कैसे, कोई शब्द नहीं है पास मेरे। जिनसे न कभी कोई रिश्ता था, वे परिचित हुए सभी ख़ास मेरे।। टीओबी ने ऐसा मंच दिया,…
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