पथिक-दिलीप कुमार गुप्त

पथिक कंटक निर्जन राह से बचकर निष्कंटक मार्ग चलना होगा असत्य की भीड़ से पृथक सत्य संबल अपनाना होगा। पथिक! जीवन पथ सुगम होगा। अपेक्षाओं से दूर निकल कर वर्जनाओं…

पुस्तक जीवन का श्रृंगार-दिलीप कुमार गुप्त

         पुस्तक जीवन का श्रृंगार  तू सुरवन्दिता का भौतिक रूप तेरी महिमा अद्भूत अनूप तुममें सभ्यता संस्कृति समाया तुझसे अतीत का दर्शन आया तू साक्षी है वैदिक…

ज्योतिर्मय चिंतन-दिलीप कुमार गुप्त

ज्योतिर्मय चिंतन  साँसों संग युद्धरत जीवन चहुं ओर कराहती दुनिया गमगीन शोर नियति संग संघर्षरत जिन्दगी हौसले के बल मिलती संजीवनी। छायी चतुर्दिक विपदा भारी परस्पर सहयोग की है तैयारी…

मुदित मन-दिलीप कुमार गुप्त

मुदित मन जीवन पाटल सम सुशोभित पल्लवित पुष्पित कंटक में अगम्य पथ तपन तप्त बालुका विश्रांति मंजुल मरूवन में। मन कराल सम्मुख मृगतृष्णा एकल गमन पुनीत हरि वन में द्वन्द्व…

शांति-दिलीप कुमार गुप्त

शांति यह जग परमपिता की माया नश्वर काया तनिक विचार करें परस्पराश्रयी अनमोल जीवन सबका समुचित सम्मान करें। दुराग्रह गहन तिमिर से निकल स्वर्णिम आभा चहुंओर करें अहर्निश सत्य पथ…

पूजन की थाल सजाएँ-दिलीप कुमार गुप्त

पूजन की थाल सजाएँ  आशाओं के नवदीप सजाकर अन्तर्मन उत्साह उमंग जगाएँ अटूट श्रद्धा विश्वास जगाकर समर्पण भाव शीश झुकाएँ आओ ! पूजन की थाल सजाएँ।  पावन अन्तस सुमन खिलाकर…

सुवासित आत्मिक चेतना-दिलीप कुमार गुप्त

सुवासित आत्मिक चेतना  हे शतरूपा, निरंजना किस विधि करूँ वंदना दृष्टि कूप तिमिर विपन्न तू विश्वा सदज्ञान सम्पन्न चतुर्दिक तम घना बसेरा तुम बिन कहो, कौन सहारा अन्तस दारुण दर्द…

आशाओं के सिरमौर-दिलीप कुमार गुप्त

आशाओं के सिरमौर हे प्रखर चेतना के संवाहक शुभ संस्कृति के संरक्षक राष्ट्र गौरव के सुमंगल तिलक जीवन मूल्यों के हिम धवल सजल श्रद्धा से ओतप्रोत प्रखर प्रज्ञा के निर्मल…

जीवन मुक्त-दिलीप कुमार गुप्त

जीवन मुक्त जीवन की राह आसान नहीं है शोक क्षोभ संताप यहीं अन्तर्मन सुमधुर पराग प्रकीर्णित सुवासित शतदल मधुमास यहीं । अतीत के अनुभव हों आत्मसात कठिन दौर का लें…

परिवार-दिलीप कुमार गुप्त

परिवार नन्हे मुन्ने मधुर मधुप गुंजन बड़े बुजुर्ग बरगद शीतल छाया भाई भाई का साथ निभाया बहनो ने जब हाथ बँटाया मात पिता का संबल पाकर निखरित प्रमुदित होता परिवार…