खुशहाल रहेगा देश हमारा-देव कांत मिश्र दिव्य

खुशहाल रहेगा देश हमारा जब स्वस्थ होगा विचार हमारा पुष्पित होगा घर परिवार हमारा तब खुशहाल रहेगा, देश हमारा। जब मानव मानव में प्रेम बढ़ेगा। जन-जन में परस्पर स्नेह बढ़ेगा…

हे सृजनहार सुन लो पुकार-देव कांत मिश्र दिव्य

हे सृजनहार सुन ले पुकार हे सृजनहार ! मेरी सुन ले पुकार हिय में बहे सदा प्रेम की बयार।। निर्मल और शुद्ध होवे व्यवहार कर सकूंँ प्राणियों से सम प्यार।।…

हिंदी सबकी शान-देव कांत मिश्र दिव्य

हिन्दी सबकी शान  हिन्दी सबकी शान है, सभी करें सम्मान। भाषा है प्यारी सुघड़, सरल सुगम गुण खान।। कवि भूषण से नित यहाँ, चहके हिन्दी गान। पंत निराला से सदा,…

जिंदगी-देव कांत मिश्र दिव्य

ज़िन्दगी  छोटी-सी ज़िन्दगी को यूँ न गवाँना है। इसे नित नई खुशियों से सजाना है।। ज़िन्दगी में आएँगे कभी खुशी तो कभी ग़म डटना है सामने पर नहीं इससे घबराना…