धीरे आते माखनचोर, खाते माखन, मटकी फोड़। खुश हो आती, मैया दौड़, घबराती, बैंया मरोड़। छुप के आँसू भी बहाए, क्यों लल्ला, मेरे हाथों पिटाए। माखन ही तो, खाया है,…
Teachers of Bihar- The Change Makers
धीरे आते माखनचोर, खाते माखन, मटकी फोड़। खुश हो आती, मैया दौड़, घबराती, बैंया मरोड़। छुप के आँसू भी बहाए, क्यों लल्ला, मेरे हाथों पिटाए। माखन ही तो, खाया है,…