प्रेरणा दीप मन कर्म वचन की मलिनता से बाहर सद्भाव सत्कर्म सदचिंतन नव प्रभात बिखराना है प्रेरणा दीप बन जलना है । पुण्य का कुछ पता नही अगणित पाप किया…
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