फिर स्कूल चलें हर बच्चे के हाथ में फिर से, कापी कलम थमाना होगा। छूट गया है स्कूल जिनसे, उनको स्कूल लाना होगा। काम छुड़ाकर खेतों से फिर, घर में…
SHARE WITH US
Share Your Story on
writers.teachersofbihar@gmail.com
Recent Post
- पावन शरद ऋतु – अमरनाथ त्रिवेदी
- उम्मीद के दीए- सुरेश कुमार गौरव
- सूरज बाबा – भोला प्रसाद शर्मा
- दिवाली आज मनाएँगे- रामकिशोर पाठक
- दीप जलाएँ- अमरनाथ त्रिवेदी
- स्लेट है तेरा भविष्य – रामपाल सिंह ‘अनजान’
- मानव है वही जो- अमरनाथ त्रिवेदी
- दोहावली – रामपाल सिंह ‘अनजान’
- विधाता छंद – एस. के. पूनम
- अभियान गीत- रामकिशोर पाठक