देश भाल की मैं बिन्दी हूँ-मनु कुमारी “चेतना”

देश भाल की मैं बिन्दी हूँ सुन लो बच्चों! मैं हिन्दी हूँ, देश-भाल की मैं बिन्दी हूँ। जीवन की नव परिभाषा हूँ, अपनेपन की जिज्ञासा हूँ। बँगला, गुर्जर या सिन्धी…