वो दीपक हैं मैं बाती – मनु रमण चेतना

सदा सुहागन का वर मांगू, हे प्रभु विनती कर तुमसे। रखना सलामत मेरे पिया को,भक्ति करूं तेरी तन मन से। सुंदर सुखमय साथ सजन के,बनके मैं वामांगी रहूं। दे यही…

विनती सुनो हमार – मनु रमण “चेतना”

जय -जय अम्बे,जय जगदम्बे, सुन लो अरज हमार। सकल जगत की तू हो माता , विनती सुनो हमार। तू हो माता ब्रह्म स्वरूपा, अविगत,अलख, अनादि अनूपा। सत्य सनातन तू हो…

हिंदी भाषा – मनु रमण “चेतना “

हिंदी भाषा प्यारी लगे, सबसे ये न्यारी लगे, नानी की कहानी सुन,खुलता ये द्वार है। शब्द शक्ति खान यहांँ, गुण गाने जाएं कहांँ, मन मोहे मीठे बोल, भव्यता अपार है।…

देश भाल की मैं बिन्दी हूँ – मनु रमण “चेतना”

सुन लो बच्चों! मैं हिन्दी हूँ, देश-भाल की मैं बिन्दी हूँ । जीवन की नव परिभाषा हूँ, अपनेपन की जिज्ञासा हूँ। बँगला, गुर्जर या सिन्धी हूँ, देश-भाल की मैं बिन्दी…

रचा नया इतिहास – मनु रमण चेतना

विश्व करें गुणगान, मिली नई पहचान, चांद पर आज देखो,पहुंचा है चंद्रयान। इसरो की आस पर, मेहनत खास पर, रचा नया इतिहास,चूमा फिर आसमान । कठिन तपस्या का है, मिला…

रचा नया इतिहास – मनु रमण चेतना

विश्व करें गुणगान, मिली नई पहचान, चांद पर आज देखो,पहुंचा है चंद्रयान। इसरो की आस पर, मेहनत खास पर, रचा नया इतिहास,चूमा फिर आसमान । कठिन तपस्या का है, मिला…

रचा नया इतिहास – मनु रमण चेतना

विश्व करें गुणगान, मिली नई पहचान, चांद पर आज देखो,पहुंचा है चंद्रयान। इसरो की आस पर, मेहनत खास कर, रचा नया इतिहास,चूमा फिर आसमान । कठिन तपस्या का है, मिला…

हमारे मुंशी प्रेमचंद – मनु रमण चेतना

हमारे मुंशी प्रेमचंद (जयंती विशेष) साहित्यिक आकाश में,उगा एक दिव्य चंद्र , और कोई नहीं वो , हमारे मुंशी प्रेमचंद! आनंदी का लाल वो,अजायब का भाल वो, रचना जिनकी स्वच्छंद,…

झांसी की महारानी – मनु रमण चेतना

आओ सुनाएं एक कहानी झांसी की महारानी की निज शौर्य पराक्रम से लिख दी जो नाम अमर बलिदानी की अंग्रेज़ों का कर संघार मस्तक पर तिलक लगाई थी कालरात्रि थी…

मेरी तन्हाई – मनु रमण चेतना

रोजमर्रा की जिन्दगी में भागदौड़, परेशानी,थकावटें तनाव और बहुत सारी उलझनें इन उलझनों में सिमटकर रह जाती है जिंदगी पर जब कभी तन्हाई में बैठती हूं बहुत सुकून देता है…