भारतीय रेल और मेरी वाराणसी की यात्रा ये रेल भी यार मजेदार होती है मानो तो पूरा हिंदुस्तान होती है ! एक बार बलिया से शुरू हुई मेरी यात्रा भाई…
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जीवन-मनोज कुमार दुबे
जीवन जीवन इतना सरल नहीं मै तो दुनियाँ के हर सवाल से डरता हूँ ! दुश्मनों के चाल दोस्तों के बवाल और अपनों के भीतरघात से डरता हूँ ! न…
सूरज कब आएगा-मनोज कुमार दुबे
सूरज कब आएगा ठिठुरता धारदार मौसम छील-छील ले जाता है त्वचा बींधता पेशियों को गड़ जाता हड्डियों में/ पहुँच जाता मज्जा तक स्नायुओं से गुज़रता हुआ झनझना दे रहा तुम्हें…
भारत के वीर सपूत-मनोज कुमार दुबे
भारत के वीर सपूत जननी जन्म भूमिश्च जो स्वर्ग से हमको प्यारी है। वीर शिवाजी, राणा की यह पुण्य भूमि हमारी है।। मंगल पांडेय कुँवर सिंह तात्या झाँसी की रानी।…
जय वीर भूमि भारत-मनोज कुमार दुबे
जय वीर भूमि भारत स्वतंत्रता की खातिर जिसने न सर झुकाया चढ़ कर फाँसी के फंदे पर बागी कहलाया क्या नाम कर गया तू इतिहास ने बताया वो वीर मंगल…
हिन्दी-मनोज कुमार दुबे
हिन्दी भले हिन्दी में नंबर कम आते हैं। अंग्रेजी बोलने से भी घबराते हैं।। फिर भी अंग्रेजी के लिए जोर लगाते हैं। क्योंकि हम हिन्दी बोलने से शर्माते हैं।। इंग्लिश…
स्वतंत्रता-मनोज कुमार दुबे
स्वतंत्रता जननी जन्म भूमिश्च जो स्वर्ग से भी प्यारी है। वीर शिवा, राणा की यह पुण्य भूमि हमारी है।। मंगल पांडेय कुँवर सिंह तात्या झाँसी की रानी। लड़ा गया संग्राम…
संयुक्त परिवार-मनोज कुमार दुबे
संयुक्त परिवार घर के आंगन में जो खुशियाँ हमने पायी है। वक्त वो शायद बीत गया जो हमने बिताई है।। दादा जी के कंधे पर अपनी थी सवारी। मेरी दादी…
निर्वाण-मनोज कुमार दुबे
निर्वाण हे मातृभूमि वसुधा धरा वसुंधरा। अर्पित है तेरे चरण रज लोहित मेरा।। तू विभवशालिनी विश्वपालिनी दुःखहर्त्री है। भय निवारिणी शांतिकारिणी सुखकर्त्री है।। निर्मल तेरा नीर अमृत सा उत्तम। शीतल…