बंद करो वृक्षों को काटना नदियां सागर दूषित करना। वृक्ष धरा के हैं आभूषण वृक्ष लगाओ मानो कहना।। कोरे नारे नहीं लगाओ वक्त कहे कुछ काम दिखाओ। स्वच्छ रखो हवा…
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जब से आई गरमी – मीरा सिंह “मीरा”
सूरज बाबा ने हद कर दी सुबह सवेरे आते जल्दी। सूनी सूनी सड़कें गलियाँ दुबके बैठे बच्चे घर जी। आंख मींचते आ जाते हैं बिन पहने ही अपनी वर्दी। गरमी…
प्यार लुटाती है माँ – मीरा सिंह “मीरा”
नेह सुधा छलकाती है माँ कितना प्यार लुटाती है माँ। आंखों से झड़ते हैं मोती दूर कभी जब जाती है माँ।। हर लेती मन की हर पीड़ा जब हँस गले…
मजदूर- मीरा सिंह “मीरा”
माना नहीं मशहूर वह सबकी आंखों का नूर वह। नित नया रचता रहे कुछ हम सबका है गुरुर वह।। काम करता है विविध कहलाता है मजदूर वह। दिख जाता हर…
पुस्तक- मीरा सिंह “मीरा
पुस्तक होती ज्ञान दायिनी सबको राह दिखाती है। मानव का सच्चा साथी बन हर पग साथ निभाती है।। अम्मा बन गाती है लोरी नानी बन कथा सुनाती है। सुख दुख…
प्यारी गुड़िया- मीरा सिंह “मीरा
नन्ही मुन्नी प्यारी गुड़िया सबकी राज दुलारी गुड़िया। तितली जैसी उड़ती फिरती खुशियों की किलकारी गुड़िया।। कभी गले से आकर लिपटी कभी खफा हो जाती गुड़िया। करके कोई नयी शरारत…
बदल रहा है आज जमाना- मीरा सिंह “मीरा”
नया दौर है नया तराना बदल रहा है आज जमाना।। गुजर गया वो दौर पुराना बेटी बोझ कहीं जाती थी। इल्जामों के बोझ तले वह घर में भी सहमी रहती…
चल मुनिया-मीरा सिंह “मीरा”
तुझमें हिम्मत बल मुनिया। चल आगे बढ़ चल मुनिया। देखेगी दुनिया सारी तुझमें कितना बल मुनिया।। अवरोधों से मत घबरा तूफानों से लड़ मुनिया। दीपक बनकर तू जलना रोशन होगा…
शिव प्रार्थना- मीरा सिंह “मीरा”
मन मेरा है बना शिवाला रहता उसमें डमरू वाला डम डम डमरू बजा रहा है मन नाचे होकर मतवाला।। सांसो की है बजे बांसुरी जपती रहती शिव की माला। वो…
प्रेम बड़ा अनमोल रतन है-मीरा सिंह “मीरा
प्रेम से हुआ जग रोशन हैं जीवन लगता सुखद सपन है। दुनिया लगती बहुत सुहानी प्रेम बड़ा अनमोल रतन है।। करें जहां पर प्रेम बसेरा दूर वहां से दुख का…