पृथ्वी दिवस – राम किशोर पाठक

विषय – पृथ्वी दिवस छंद – कुण्डलिया पृथ्वी दिवस मनाइए, करिए सदा विचार। फैल रहे प्रदूषण का, करना कम रफ्तार।। करना कम रफ्तार, सदा बढ़ते हैं जाना। अधिक लगाकर पेड़,…

पिता – राम किशोर पाठक

द्विगुणित सुंदरी छंद सबका बोझ उठाना, करना नहीं बहाना। अपना दर्द छुपाना, हर पल ही मुस्काना।। सबका शौक पुराना, उफ्फ नहीं कर पाना। संघर्ष की कहानी, नहीं सुनाना जाना।। हाथ…

बदलें बिहार आओ – राम किशोर पाठक

द्विगुणित सुंदरी छंद शिक्षक सभी हमारे, बदलें बिहार आओ। शिक्षा दीप जलाओ, ज्ञान पुंज फैलाओ।। प्रण यह करने आओ, औरों को समझाओ। जीवन जीने आओ, जीना भी सिखलाओ।। अंतस अभी…

जीने का अधिकार – राम किशोर पाठक

छंद – दोहा जीने का अधिकार है, सबको एक समान। जीव-जंतु सबका करें, रक्षा बन बलवान।।१।। रखिए हरपल हीं यहॉं, दीन-हीन का ध्यान। जीने का अधिकार दे, और उन्हें सम्मान।।२।।…

दर्पण- राम किशोर पाठक

छंद – दोहा किरणें आती जो रही, लौटाती उस ओर। सतह परावर्तक सदा, कहलाती वह छोर।। सतह परावर्तन करे, दर्पण उसका नाम। वापस लौटाना सदा, होता जिसका काम।। सतही संरचना…

मर्यादा की रास में – राम किशोर पाठक 

दोहा छंद मर्यादा की रास में, पंचवटी में राम। शूर्पणखा आकर वहॉं, देख रही अविराम।।१।। सूरत मोहित कर गया, जगी काम की आग। सुंदर छवि लेकर गयी, करने वह अनुराग।।२।।…

विश्व विरासत दिवस – राम किशोर पाठक

मनहरण घनाक्षरी सभ्यता का इतिहास, मिले जानकारी खास, करे विश्व एहसास, धरोहर पाइए। अठारह अप्रैल को, संस्कृति संरक्षण को, भूतल उत्खनन को, विचार बनाइए। सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक स्थल रत, ज्ञान…

शिक्षक हूॅं बिहार का – राम किशोर पाठक

शिक्षक हूॅं बिहार का, ज्ञान के विस्तार का। बच्चों का भविष्य मैं, मार्ग हूॅं संसार का।। अलख जगाता रहता, सबमें सदाचार का। बच्चों में विचार का, कक्षा नवाचार का।। प्रतीक…