वाणी वाणी मधुरिम नित ही बोलें हृदय तराजू इसको तोलें। बोल परिष्कृत सबको भाये जन-जन में ही तब यह छाये।। सरस बोल अनमोल खजाना जीवन में तुम इसे बचाना। कोयल…
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